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बाकरा गाँव के आठ परिवारो ने आंध्रप्रदेश के विजयवाडा ने बाबा रामदेव प्राण प्रतिष्ठा में मिला चढ़ावों का लाभ ! जानिए कोन है वो लाभार्थी गाँव के

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बाकरा गाँव का नाम आज आंध्रप्रदेश के विजयवाडा में बाबा रामदेवजी की प्राण प्रतिष्ठा में मिला चढ़ावों का लाभ! यह प्रतिष्ठा फेबरूरी 13 बुधवार से 15 फेबरूरी शुक्रवार तक हो रही है जिसमे बाकरा गाँव परिवारों  आज बहुत हर्ष हो रहा है जिसमे बाकरा गाँव उन परिवारों ने अपनी कर्म भूमि में नाम रोशन करने का काम किया बहुत खुशी हो रही है ये समाचारों को चुन कर ह्रदय में भी खुशी नही शमा रही है कि ऐक नही बल्कि आठ आठ परिवारों को ये चढ़ावों का लाभ मिला! ये परिवार कई वर्षों से अपनी कर्म भूमि में अपना व्यवसाय कर रहे है आज हम उनकी पेहचान चढ़ावो के लाभार्थियों के नाम से करवाएंगे

खबर आपणे गाँव री Video :- बाकरा गाँव के बंगलोर में प्रवाशियो ने कीये संत कूरपारामजी महाराज व उनके गुरु महाराज श्री राजारामजी के दर्शन

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बाकरा गाँव , जोधपुर के सन्तो के तालाब से संत श्री कूरपारामजी महाराज व उनके गुरु महाराज श्री राजारामजी चार दिवसीय पर्वशन के दौरान कर्नाटक के बैंगलोर पधारे हुए  महाराज का रविवार को आखरी दिन के समय बाकरा गाँव के बैगलोर में रह रहे ग्राम प्रवशियो ने दर्शन का लाभ लेकर खुद को भाग्यशाली बताया इस अवशर पर बाकरा गाँव के हेमा राम पिता थॉना रामजी घांसी के परिवार के गुरु होने के नाते उनको हेमाराम ने आज आमंत्रित कीया था  तो चेला की बात को मानते हुए उनकी फैक्टरी बैगलोर के कामशिपलयं में स्वागत किया गया जिसमें ढोल नगाड़ों की गूँज के साथ मे महाराज का स्वागत किया गया जैसे ही ये बात बाकरा गाँव दूसरे प्रवशियो के कानों तक पहुची तो सब काम छोड़कर आशीर्वाद के लिए दौड़ भागा जिसमें शाम होते तक ऐक बड़ा हुजूम में बदल गया  देखते ही देखते पूरा का पूरा बाकरा गाँव सभी मित्र चन्द घण्टों में बाकरा गाँव के सभी ऐक जगह पर देखने को मिला जिसमे सभी भगतो ने सन्त महात्माहो का आशीर्वाद लेकर खुद को भागयशाली समजा इस अवशर पर बाकरा गाँव के घांची परिवार के इदाराम, रमेश कुमार और ग्रामीणों में साथ केस...

खबर आपणे गाँव री:-रात्रि हनुमान जी भजन संध्या में जुमे श्रोता

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आज बाकरा गाँव के मैन चोहटे स्तिथ दिपावली शुभ रात्री के अवसर पर भजन संध्या का कार्यक्रम किया गया  नवीन नुतून बजरंगी बली हनुमानजी के प्रांगण में इस भजन संध्या मैं स्थानीय गायककारो ने गजानन जी की वंदना देकर ऐक से ऐक बढ़कर कर भजनों की पस्तुती दे कर भगतो का मन मोह लिया गया इसमे गाँव के ग्रमीणों में चम्पालाल सोनी, रिकबचन्द छिपा , गणेशमल जी चौधरी, रमेश सोनी , ईदाराम प्रजापत ,  नगसिंह जी मौजूद रहे

बाकरा गाँव के हीराचन्द वोरा ( जालौर ) ने भी ऐक ओर बाकरा गाँव को की सुन्दर रचना समर्पित पढिये आप भी बाकरा गाँव की ईस रचनाएं को

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     *बाकरा नगर की पहचान* नगर बाकरा री ख्याति जगत करे बखान, ठिकाना ठाकुर जालम सिंह जी धीर वीर गंभीर समता रा भंडार । न्याय नीति सु जगत में , ठिकाना ने दीनी पहचान, बाकरा नगर रा चोहटे , जैन मंदिर देव विमान। लक्ष्मीजी ,गणेशजी ,हनुमानजी ,ठाकुरजी रा मंदिर शोभे चोहटा मोज़ार, शोभा अतिन्यारी गाँवरी काई काई करूँ बखान। ऊँचा मंदिर शोभता, ध्वजा फरुके आसमान, सुबह शाम आरती झालार री झंकार। शोभा अति न्यारी चोहटारी जाने देवता रो दरबार, शोभा न्यारी बाकरा रि, काई काई करूँ बखान। मोटी पोल महादेव री, बायाशा रो थान, अधिशटायक माँ चामुण्डा, रामा पीर महान। शोभा अति न्यारी गाँव री काई काई करूँ बखान। ऊँचा महेल और मालिया, भवन बनिया विशाल, चोहटा बीच शोभे तीन मंज़िलो चबूतरों गाँव री पहचान, शोभा अति न्यारी गाँव री काई काई करूँ बखान । शांतिनाथजी गौशाला, नाज़ुदेवी पाठशाला वीरभानजी हास्पिटल जल मन्दिर बनया चार शोभा अतिन्यारी गाँव री काई काई करूँ बखान । नगर रा नगरजन सग़लई चतुर सुजान, कई कोई व्यापारी चतुर तो कोई कारीगर महान । पढ़ियाँ लिखियोढा घना गाँवरा कोई डाक्टर तो कोई मास्टर, सेवा दे...

बाकरा गाँव के घेवाराम चौधरी ने भी ऐक बाकरा गाँव को की सुन्दर रचना समर्पित पढिये आप भी बाकरा गाँव की ईस रचनाएं को

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बाकरा गाँव को समर्पित बहुत ही सुंदर रचना प्रस्तुत हैं गाँव रो निवासी घेवा राम पाविया की कलम से, अच्छी लगे तो शेयर जरूर करें। यूँ तो मैंने दुनिया देखी, पर गाँव बाकरा मेरा अच्छा हैं श्री नन्द यशोदा से नर-नारी, गौपाल यहाँ हर बच्चा हैं। नफरतें नहीं हैं किसी के दिलों में, प्यार यहाँ पर सच्चा हैं सच कहता हूँ मैं, कि पूरी दुनिया से गाँव बाकरा मेरा अच्छा हैं। आदर्श यहाँ के नर - नारी, संस्कारी बच्चा -बच्चा  हैं! देख लिया पूरा हिंदुस्तान मैंने, पर गाँव बाकरा मेरा अच्छा हैं। खेतों में फसलें लहराती, उत्साहित हर कर्षा हैं कितना मनमोहक प्यारा सा, गाँव बाकरा मेरा अच्छा हैं। कल-कल करती तालाब भराते, पावन इस धरा करती हैं देखा नहीं कभी स्वर्ग मैंने, पर सुन्दर की यहाँ की धरती हैं। गाँव में चामुण्डा माता जी, धानसा रा हल्देश्वर महादेव जी और गाँव री बायोसा माता राणीजी हैं गोळ्या में भी हल्देश्वर बैठा है माता बहिनों री राखे है ध्यान, देवलिया में श्री माता सती बैठी करे है राजपरोहित रो कल्याण हैं। पादरी खेत में बाबा रामदेवजी बिराजे , ओर चोहटे में बैठा लाडला गजानन जी हैं इन बाकरा गा...

खबर आपणे गाँव री video :-तो ऐसे मनाया जनशताब्दी जन्मदिवसः जिसमे पर्यावरण की रक्षा, धर्म की धारणा, मानवता का कल्याण, रक्तदान की सहायता, गायो की रक्षा के साथ, सांस्कृतिक गैर व खेलकूद भी हुआ खेल तो मनाया गया पढ़िए पूरी खबर को

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बाकरा गाँव ऐसे तो ऐक छोटा गाँव है लेकिन इस गाँव की पहचान जिले नही बल्कि पूरे राजस्थान में गूँजती है यह एक ऐसा गाँव है जहाँ हर वर्ष में करीबन बहुत सारे उत्सव मनाने में जाना जाता है ओर उत्सव साहे धर्म हो या , गाँव की विद्यालय के हो या फिर देश के राष्ट्रीय उत्सव हो या फिर गाँव के घरके ही कियो ना हो ये उत्सव मनाने का तरीका सीखना हो तो हमारे गाँव बाकरा की जनता से सीखे कियोकि इस गाँव की बात की जाय तो आपको शायद अंदाज ही ना होगा लेकिन हम आज बहुत बड़े विश्वास व दावे के साथ ताल धोक कर कहते  है अब हम आपको ऐक साल के बारे में ही हिसाब देते है तो बड़े हर्ष के साथ कहते है कि पहली बात करगे आज से ऐक वर्ष पूर्व 17 सितंबर की राजस्थान राज्य की खेलकूद प्रतियोगिता में अगर जालौर जिले में प्रतियोगिता लेने अगर गया था तो वह यह गाँव है जो जालौर जिले में अबसे पहले आगे आना वाला गाँव बाकरा ही था  यह प्रतियोगिता जालोर जिले में लेने वाला नही मिला होता हो जालौर जिले सभी खेल अधिकारीयो हाथ पांव फूलने लगे हुए थे जब बाकरा गाँव को उस प्रतियोगिता की भनक लगे तो ओर पूरा गांव ऐक होकर आगे आया तो सभी अधिकारिय...

वीडियो:- आज पेहली बार पन्द्रहा वर्षो से गाँव के रावला में ग्रामीणों गैर का आयोजन हुआ जिसमें गाँव की खुशी के का माहौल का नजारा अलग ही देखने मिला जिमसें आज पूरा गाँव के ग्रामीणों बहुत बडी संख्या में देखने को मिला

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आज शाम को बाकरा गाँव मे चल रही राजश्री जालमसिंह जी ठाकुर साहब की जन्मशती के उपलक्ष्य में आज शाम को बाकरा गाँव के ठिकाना में ग्रामीण गैर नुर्तीय किया गया  आज यह गैर नुर्तीय ठिकाना में करीबन पन्द्रहा वर्षो बाद देखने को मिला ! यह जोश व उमंग में ग्रामीणों के चेहरों पर खुशी के ठिकाना ही नही रह ! यह भी स्वाभाविक है कि यह आज से पन्द्रहा वर्षो पहले होली के समय गैर नाची जाती थी जो होली के दो दिन पहले ओर दो दिन बाद चलती थी और उस समय ग्रामीण अपनी अपनी वेषभूषा में नजर आते थे तो आज भी ही नज़ारा  देखने को मिला गाँव के हर ग्रामीण में जैसे चौधरी समाज, राजपुत समाज, राजपुरोहित समाज, ओर बहुत समाज मेघवाल समाज भील समाज भी आज अपनी साफा वाली वेशभूषा में चेहरे खिलते नजर आये  ओर गैर के बाद नुर्तीय में भी नाचते नजर आए यह गैर आज से ओर दो दिन ओर दिन नाची जाएगी साथ कल १६तारीक को ब्लड डोनेशन होगा और १७ तारीक पूरे दिन खेल कूद में रशा कच्ची , कबड्डी के खेल खेल जाएंगे इस समय पूरा गाँव बाकरा गाँव के साथ  ठिकाना के ठिकाना से ठाकुर सा श्रीमान भेरूसिंह जी , कुँवर साहब श्रीमान भवानीस...