रंगों का पर्व होली आज, होलिका दहन भद्रोपरांत शाम 7:40 बजे के बाद
रंग और प्यार का त्योहार होली का पवित्र पर्व गुरूवार से शुरू होने जा रहा है। देशभर में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाने वाला यह पर्व बड़े ही उत्साह से सेलिब्रेट होने वाला है।
कल होली दहन है जबकि शुक्रवार को धुलण्डी यानि रंग खेलने वाली होली है। धुलण्डी से पहले होलिका दहन होता है शास्त्रों के नियमानुसार होलिका दहन फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि में करना चाहिए।
हालांकि होली एक मार्च को सुबह 8 बजे से ही शुरू है लेकिन फिर भी होलिका दहन शाम 7:40 बजे के बाद ही होगा। वजह है, इस साल 1 मार्च को सुबह 8 बजकर 58 मिनट से पूर्णिमा तिथि लग रही है लेकिन इसके साथ भद्रा भी लगा होगा। भद्रा काल में होलिका दहन नहीं करना चाहिए। इससे अशुभ फल प्राप्त होता है, ऐसा नियम है।
इस साल होलिका दहन के लिए बहुत ही शुभ स्थिति बनी हुई है। यहां होली दहन का शुभ संयोग, तिथि और शुभ मुहूर्त दिया गया है।
कार्यक्रम का समय
× होली शुभारंभ: आज शुभह 8 बजकर 58 मिनट पूर्णिमा गुरुवार
× भद्रा काल प्रारंभ: नियत समय
× भद्रा काल समाप्त: शाम 7 बजकर 37 मिनट गुरुवार
× होलिका दहन: भद्रा काल समाप्ति के पश्चात शुक्रवार
× कलस: सुबह चैत्र वदी १ शुक्रवार
× धुलण्डी: अगले दिन सुबह चैत्र वदी २ शनिवार
× भद्रा काल प्रारंभ: नियत समय
× भद्रा काल समाप्त: शाम 7 बजकर 37 मिनट गुरुवार
× होलिका दहन: भद्रा काल समाप्ति के पश्चात शुक्रवार
× कलस: सुबह चैत्र वदी १ शुक्रवार
× धुलण्डी: अगले दिन सुबह चैत्र वदी २ शनिवार
शाम 7.37 बजे भद्रा काल समाप्त हो जाएगा इसके बाद से होलिका दहन किया जाना शुभ रहेगा। वैसे शास्त्रों में बताए गए नियमों के अनुसार इस साल होलिका दहन के लिए बहुत ही शुभ स्थिति बनी हुई है।
इस बार की होली फलदायक
धर्मसिंधु नामक ग्रंथ के अनुसार, होलिका दहन के लिए तीन चीजों का एक साथ होना बहुत ही शुभ होता है। यह तीन बाते हैं: पूर्णिमा तिथि हो, प्रदोष काल हो और भद्रा ना लगा हो। इस साल होलिका दहन पर ये तीनों संयोग बन रहे हैं। इसे देखते हुए इस साल की होली आनंददायक व फलदायक भी रहेगी।
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