बाकरा गाँव के घेवाराम चौधरी ने भी ऐक बाकरा गाँव को की सुन्दर रचना समर्पित पढिये आप भी बाकरा गाँव की ईस रचनाएं को
बाकरा गाँव को समर्पित बहुत ही सुंदर रचना प्रस्तुत हैं गाँव रो निवासी घेवा राम पाविया की कलम से, अच्छी लगे तो शेयर जरूर करें।
यूँ तो मैंने दुनिया देखी, पर गाँव बाकरा मेरा अच्छा हैं
श्री नन्द यशोदा से नर-नारी, गौपाल यहाँ हर बच्चा हैं।
नफरतें नहीं हैं किसी के दिलों में, प्यार यहाँ पर सच्चा हैं
सच कहता हूँ मैं, कि पूरी दुनिया से गाँव बाकरा मेरा अच्छा हैं।
सच कहता हूँ मैं, कि पूरी दुनिया से गाँव बाकरा मेरा अच्छा हैं।
आदर्श यहाँ के नर - नारी, संस्कारी बच्चा -बच्चा हैं!
देख लिया पूरा हिंदुस्तान मैंने, पर गाँव बाकरा मेरा अच्छा हैं।
देख लिया पूरा हिंदुस्तान मैंने, पर गाँव बाकरा मेरा अच्छा हैं।
खेतों में फसलें लहराती, उत्साहित हर कर्षा हैं
कितना मनमोहक प्यारा सा, गाँव बाकरा मेरा अच्छा हैं।
कितना मनमोहक प्यारा सा, गाँव बाकरा मेरा अच्छा हैं।
कल-कल करती तालाब भराते, पावन इस धरा करती हैं
देखा नहीं कभी स्वर्ग मैंने, पर सुन्दर की यहाँ की धरती हैं।
देखा नहीं कभी स्वर्ग मैंने, पर सुन्दर की यहाँ की धरती हैं।
गाँव में चामुण्डा माता जी, धानसा रा हल्देश्वर महादेव जी और गाँव री बायोसा माता राणीजी हैं
गोळ्या में भी हल्देश्वर बैठा है माता बहिनों री राखे है ध्यान, देवलिया में श्री माता सती बैठी करे है राजपरोहित रो कल्याण हैं।
गोळ्या में भी हल्देश्वर बैठा है माता बहिनों री राखे है ध्यान, देवलिया में श्री माता सती बैठी करे है राजपरोहित रो कल्याण हैं।
पादरी खेत में बाबा रामदेवजी बिराजे , ओर चोहटे में बैठा लाडला गजानन जी हैं
इन बाकरा गाँव री धरा हानुमान जी घना, लाज राखे सब परिवार री
इन बाकरा गाँव री धरा हानुमान जी घना, लाज राखे सब परिवार री
गाँव में बीचोबीच माता लक्ष्मी जी बैठी देवे है सभी ने देवे बराबर धन, ओर पास अजीब बनियो जैन विमलनाथ रो देवरों करें इन कलयुग रो कल्याण, महादेव जी मंदिर में बाजे है दीनरात झालर- शंख री झनकार पूरा गाँव हाथ जोड़ने करे है नीलकंठ भोलेनाथ री सेवना
कृपा दृष्टि री करे है हठीलो री महाकाली माँ राखजो पुरो गाँव रो ध्यान, आशीष देवे है शिवबाड़ी गोशाला री गौ - माता जी है।
कृपा दृष्टि री करे है हठीलो री महाकाली माँ राखजो पुरो गाँव रो ध्यान, आशीष देवे है शिवबाड़ी गोशाला री गौ - माता जी है।
ब्रम्ह, क्षत्रिय,चौधरी, पशुपालक देवासी सब सच्चा हैं
माली, घांसी ,राजपूत, पुरोहितों, का ओर सोना जेड़ा सोनारा रा वास , सुथार भी है रावणा राजपूत भी है ओर है प्रजापतों का बडो वास, इन वास सु आगे घणा है गाँव में जातियों नाम, इन बाकरा गाँव में सभी जातियों रो एक नाम हिन्दू मुस्लिम भाई भाई माहरा, मेरा गाँव बाकरा सबसे अच्छा हैं।
माली, घांसी ,राजपूत, पुरोहितों, का ओर सोना जेड़ा सोनारा रा वास , सुथार भी है रावणा राजपूत भी है ओर है प्रजापतों का बडो वास, इन वास सु आगे घणा है गाँव में जातियों नाम, इन बाकरा गाँव में सभी जातियों रो एक नाम हिन्दू मुस्लिम भाई भाई माहरा, मेरा गाँव बाकरा सबसे अच्छा हैं।
धन - धान्य से परिपूर्ण, भण्डारों में धान सबरे हैं
इसलिए 'घेवा राम' गर्व से कहता हु, गाँव बाकरा मेरा अच्छा हैं।
इसलिए 'घेवा राम' गर्व से कहता हु, गाँव बाकरा मेरा अच्छा हैं।
लेखक :- घेवाराम चौधरी गाँव बाकरा
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