बाकरा गाँव का एकमात्र खेल मैदान वो भी गंदगी से रोता हुआ

बाकरा गाँव का एकमात्र खेल मैदान वो भी गंदगी से रोता हुआ ये बात सच है बाकरा गाँव के चामुण्डा माताजी मैदान नाम से गाँव खेलने वाले खिलाड़ीयो के लिए ये ऐकमात्र है इस मैदान की ना कोई सुध लेने वाला है नाही सफाईकर्मी हैं इस मैदान की दुर्दशा ऐसी है कि मानो तो जंगल ही समझो कियोकि इसमें किनारे इतने बाबुल के पेड़ बड़े हुऐ है कि अंदर जाना भी डर लगता है और यही दुर्दशा रही इस बबूल के पेड़ों की तो आने वाले दिनों में ये घने जंगलों की तरह दिखने को मिलेगा , ओर लोग तो घरों का कच्चा भी यहा डालते हैं साथ ही तो लोगो ने शौचालय बना रखा है। सुबह और शाम बच्चे यहा खेलते हैं लेकिन बदबु से खड़े रहना दुस्वार हो गया। प्रधानमंत्री जी स्वच्छ भारत अभियान में करोड़ो रुपये खर्च कर रहे हैं।लेकिन मेरे बाकरा गाँव का अकेला खेल मैदान आज स्वच्छता के लिए तरस रहा है। इस गाँव में कई नेता आये और कई घोषणाऐ लेकिन सब थोथी । आज भी कोई सफाईकर्मी मरा हुआ कुत्ता मैदान के बीचो बीच डाल गया अब खेलना तो दूर मैदान में खडे रहना भी दुभर हो गया है इतनी बदबु आ रही हैं। पता नही खिलाड़ियों के इस गांव में खेल मैदा...