नर्मदा का नीर विधानसभा तो क्या लोकसभा चुनावों तक मिलना मुश्किल, आमजन में आक्रोश
बाकरा गाँव को मिलने वाला और नर्मदा का अमृत कहने वाला अम्रत जल हमको भीनमाल से होते हुए हमको मिलेगा लेकिन भीनमाल शहर सहित ३०७ गांवों व १०५३ ढाणियों के वाशिंदों को नर्मदा का फ्लोराइडमुक्त पानी उपलब्ध करवाने के लिए राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत ३४८ करोड़ की लागत से नर्मदा ईआर प्रोजेक्ट का कार्य कछुआ चाल चलने की वजह से आगामी विधानसभा चुनाव तों क्या लोकसभा चुनाव तक नर्मदा का पानी मिलना मुश्किल नजर आ रहा है। जिसका खामियाजा आगामी विधानसभा चुनावों में सत्ताधारी दल भाजपा को उठाना पड सकता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नर्मदा परियोजना ईआर प्रोजेक्ट की निविदा में उक्त कार्य मार्च २०१६ में पूर्ण करना था, लेकिन पालड़ी सोलंकीयान में भूमि आवंटन व अन्य तकनीकी कारणों से देरी होने के कारण २० मई २०१६ को भीनमाल में सांसद देवजी पटेल, तत्कालीन जिला कलेक्टर डा. जितेंद्रकुमार सोनी, विधायक पूराराम चौधरी व कंपनी के अधिकारियों की मौजूदगी में आयोजित समीक्षा बैठक में उक्त कार्य अक्टूंबर २०१६ में पूर्ण करना तय हुआ था, इसके बावजूद राज्य सरकार द्वारा बजट आवंटन में कजूंसी बरतने व कार्यकारी एंजेसी द्वारा बार-बार बजट का रोना रोकर कार्य को धीमी गति से चलाने की वजह से उक्त कार्य समय पर पूर्ण नहीं हो पा रहा है।
निर्धारित अवधि पूर्ण होने के बावजूद अभी तक उक्त कार्य करीबन ५० प्रतिशत ही पूर्ण हो पाया है। एजेंसी द्वारा ३४८ में से १८३ करोड़ का कार्य पूर्ण किया गया है, जिसका विभाग द्वारा भुगतान भी किया जा चुका है। यदि क्षेत्रवासियों द्वारा सरकार व प्रशासन पर दबाव नहीं बनाया गया तो वर्ष २०१८ के अंत में विधानसभा चुनावों की बजाय वर्ष २०१९ के मध्य तक हेाने वाले लोकसभा चुनावों तक भी नर्मदा का नीर नसीब होना मुश्किल ही नजर आ रहा है।
कार्य प्रगति : विभागीय सूत्रों के अनुसार अभी तक पालड़ी सोलंकीयान में डिग्गी निर्माण का कार्य २० प्रतिशत, फिल्टर प्लांट का १७ प्रतिशत, सीडब्ल्यूआर (स्वच्छ जलाशय) का ५३ प्रतिशत व आरडब्ल्यूआर (रॉ वॉटर रिजर्व) का कार्य २० प्रतिशत पूर्ण हुआ है। खारा में प्रस्तावित ब्रेक-अप पोइंट (इंटर मिडियट बूस्टिंग स्टेशन) का करीबन ८० प्रतिशत, भीनमाल में ९० व रामसीन में ३० प्रतिशत कार्य हुआ है। वहीं, पालड़ी सोलंकीयान से रामसीन वाया भीनमाल तक प्रस्तावित १४२ किलोमीटर पाइपलाइन में से अभी तक मात्र ९२ किलोमीटर पाइप पहुंच गए है, जिसमें से ७६.७ किमी पाइप बिछा दिए गए है। उसमें से ३१.१३किमी पाइपलाईन का टेस्टिंग कार्य भी पूर्ण हो चूका है। यानि कुल मिलाकर अभी तक प्रोजेक्ट का आधा कार्य ही पूर्ण हो पाया है। ऐसी स्थिति में कार्यकारी एजेंसी के अधिकारियों द्वारा अक्टूंबर २०१८ में कार्य पूर्ण कर पानी उपलब्ध करवाने कावादा पूर्ण होना मुश्किल ही नजर आ रहा है।
परियोजना एक नजर में : प्राप्त जानकारी के अनुसार २२ मार्च २०१३ को राज्य सरकार की द्वारा ईआर प्रोजेक्ट की मंजूरी के बाद विभाग द्वारा डीपीआर बनाकर राज्य सरकार को भेजी गई थी। ५ अगस्त २०१३ को राज्य सरकार द्वारा करीब ३७२ करोड़ रुपए मंजूर कर प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई। विभाग की ओर से १८ सिंतबर २०१३ को निविदा आमंत्रित कर १९ सितंबर २०१३ को खोली गई थी, जिसमें कलकत्ता की एक फर्म के नाम निविदा खुली। २४ सितंबर २०१३ को विभाग द्वारा ३४८ करोड काकार्यादेश जारी कर उक्त कार्य मार्च २०१६ में पूर्ण करने की सीमा निर्धारित की गई थी। कार्यादेश के बाद फर्म द्वारा कार्य प्रारंभ कर सर्वे डिजाइन और विभाग की ओर से भूमि अवाप्ति की कार्रवाई प्रारंभ की गई। जिसके तहत पालड़ी सोलंकीयान में करीब ७० हैक्टेयर भू-भाग में डिग्गी (आरडब्ल्यूआर) निर्माण, डीगांव, क्षेमंकरी माता मंदिर भीनमाल व रामसीन में ब्रेक-अप पोइंट (इंटर मिडियट बूस्टिंग स्टेशन) व करीब १४२ किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाना प्रस्तावित है।
राज बदला फिर भी कार्य अधूरा
फ्लोराइडयुक्त पानी पीने को मजबूर भीनमाल शहर सहित उपखंड क्षेत्र के वासिंदों के लिए नर्मदा का पानी संजीवनी कार्य करेगा। नर्मदा परियोजना का कार्य शिघ्र पूर्ण करवाने के लिए क्षेत्रवासियों द्वारा कई बार विधायक से लगाकर सीएम तक दबाव भी बनाया गया, लेकिन प्रभावी पैरवी के अभाव में उक्त कार्य धीमि गति से चल रहा है। गत अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री काल में स्वीकृत योजना का कार्य कांग्रेस राज में शुरू भी किया गया था। प्रदेश में सरकार भी बदली। चुनाव के दौरान सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया ने शिघ्र पानी उपलब्ध करवाने का वादा भी किया था, लेकिन वसुंधरा राजे का कार्यकाल भी अंतिम चरण में चल रहा है, लेकिन कार्य अभी तक आधा ही पूर्ण हुआ है। शायद अगली सरकार ही यह कार्य पूर्ण करेगी।
नर्मदा ईआर प्रोजेक्ट को लेकर वित्तीय वर्ष में सीएम द्वारा ७० करोड रूपये आवंटित करने की घोषणा की थी। जिसमें से कार्य के अनुपात में अभी तक १७ करोड रूपये मिल चुके है। शेष रूपयों के लिए डिमांड की हुई है। विभाग द्वारा कार्य को निर्धारित समय में पूर्ण करवाने के लिए कार्यकारी एंजेसी पर दबाव बनाया हुआ है। इसके बावजूद ठेकेदार द्वारा कार्य धीमि गति से किया जा रहा है। जिसकों लेकर एंजेसी को कई बार नोटिस भी जारी किए गए है। .. कांतिलाल कांत , अधिक्षण अभियंता, नर्मदा परियोजना सांचौर
कार्य को निर्धारित समय मे पूर्ण करवाने के लिए विभागिय अधिकारियों व कार्यकारी एजेंसी पर लगातार दबाव बनाया हुआ है। बजट को लेकर सीएम को अवगत करवाया गया है। आगामी दिनों में सीएम के भीनमाल आगमन के दौरान पुन: बजट की मांग की जाएगी। शहर में पेयजन आपूर्ति के स्थायी समाधान के लिए राज्य सरकार द्वारा ३८ करोड की योजना कों मंजूरी दी गई है। ... पूराराम चौधरी, विधायक भीनमाल
सरकार के पास बजट की कोई कमी नहीं है। विभागिया अधिकारियों व कार्यकारी एजेंसी द्वारा प्लानिंग से कार्य नहीं करने की वजह से योजना में देरी हो रही है। शिघ्र ही सरकार के माध्यम से विभागिय अधिकारियों व एजेंसी पर दबाव बनाकर आवश्यक कार्य को प्राथमिकता से पूर्ण करवाकर पानी की आपूर्ति करवाई जाएगी। ... देवजी एम पटेल , सांसद जालोर -सिरोही
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