खबर आपणे गाँव री video :-तो ऐसे मनाया जनशताब्दी जन्मदिवसः जिसमे पर्यावरण की रक्षा, धर्म की धारणा, मानवता का कल्याण, रक्तदान की सहायता, गायो की रक्षा के साथ, सांस्कृतिक गैर व खेलकूद भी हुआ खेल तो मनाया गया पढ़िए पूरी खबर को

बाकरा गाँव ऐसे तो ऐक छोटा गाँव है लेकिन इस गाँव की पहचान जिले नही बल्कि पूरे राजस्थान में गूँजती है यह एक ऐसा गाँव है जहाँ हर वर्ष में करीबन बहुत सारे उत्सव मनाने में जाना जाता है ओर उत्सव साहे धर्म हो या , गाँव की विद्यालय के हो या फिर देश के राष्ट्रीय उत्सव हो या फिर गाँव के घरके ही कियो ना हो ये उत्सव मनाने का तरीका सीखना हो तो हमारे गाँव बाकरा की जनता से सीखे कियोकि इस गाँव की बात की जाय तो आपको शायद अंदाज ही ना होगा लेकिन हम आज बहुत बड़े विश्वास व दावे के साथ ताल धोक कर कहते  है अब हम आपको ऐक साल के बारे में ही हिसाब देते है तो बड़े हर्ष के साथ कहते है कि

पहली बात करगे
आज से ऐक वर्ष पूर्व 17 सितंबर की राजस्थान राज्य की खेलकूद प्रतियोगिता में अगर जालौर जिले में प्रतियोगिता लेने अगर गया था तो वह यह गाँव है जो जालौर जिले में अबसे पहले आगे आना वाला गाँव बाकरा ही था
 यह प्रतियोगिता जालोर जिले में लेने वाला नही मिला होता हो जालौर जिले सभी खेल अधिकारीयो हाथ पांव फूलने लगे हुए थे जब बाकरा गाँव को उस प्रतियोगिता की भनक लगे तो ओर पूरा गांव ऐक होकर आगे आया तो सभी अधिकारियों की खुशी के धिकाने नही रहे इस प्रतियोगिता में राज्य के राज्य मंत्री सुभारम्भ के दिन आये और गाँव को ऐक बडा तोहफा देकर गए यह वह तोहफा था 
कि 132 kv का जीसस जो आज पूण रूप से बन कर चालू भी हो गया है और ऐक ओर बड़ी बात जो बाकरा गाँव के मूलनिवासी बलवंत सिंह जी सेबटा ने इस विद्यालय के छात्र व छात्रों की पानी की व्यवस्था के लिए विद्यालय परिसर में पियाऊ की घोषणा की गई

दूसरी बात करगे
राष्ट्रीय पूर्व 26 जनवरी गणतंत्र की तो इस दिन गाँव के बड़े बड़े भामाशाह बनकर आगे आते है ओर खाना पीना से लेकर छात्र छात्रों को परुस्कार में भी बड़ी रुषि देखने को मिलती है

तीसरी बात करेंगे
राष्ट्रीय स्वतंत्रता दिवसः की उस दिन जो पूरे गाँव का ही नही बल्कि सम्पूर्ण राष्टीय सम्मान के साथ देखने को मिलता है यह दिन गाँव की हिल-मिलजुलता को जोड़ने का अवसर देता है इस दिन तो हर चेहरे पर खुशी चमाई नही जाती है जिसमे गाँव के छात्र ओर छात्रों का तो उमंग ओर जोश की जितनी देखने को मिलती होगी उतनी तो शायद किसी दिन नही होगी

चोथी बात करेंगे
गाँव पूर्व ठाकुर राजश्री जालम सिंह साहब के जन्मदिन के सो वर्ष पूर्ण होने पर का जन्मदिन में की जनशताब्दी के बारे में जो दो महीनों से गाँव मे चल रही थी जिसमे दो महीनों में अनेकों कार्यक्रम कर दी ऐक अलग गाँव की पहचान
हरित क्रांति.............
जिसमे सबसे पहले मानवता के लिए शुद्ध स्वास्थ्य के लिए पर्यावरण की रक्षा के लिए पूरे बाकरा गाँव से लेकर आस पास गांवो तक #राजश्री_जालमसिंहजी_ठाकुर_साहब_हरितक्रांति 
के तेहड़ तीन हजार से चार हजार पौधा का रोपण कर ऐक जालौर जिले में नया इतिहास रखा

धर्म की धारणा के पूजा अर्शना........
फिर धर्म के धारणा के लिए गाँव मे सभी मंदिरों की सुबह और शाम ठिकाना परिवार के साथ विभिन्न मंदिरों में पूजा अर्शना की गई जिनमे श्री माँ चामुण्डा माताजी मन्दिर, श्री है 
हनुमानजी मन्दिर, श्री ठाकुर जी मन्दिर ,श्री गणेश चतुर्थी के शाम गणेशजी पूजा, श्री नीलकंठ महादेव जी मन्दिर पूजा, श्री महालक्ष्मी मंदिर की पूजा , श्री विमलनाथ मन्दिर दर्शन लाभ, ओर श्री रामदेवजी मन्दिर की पूजा, फिर बायोसा माताजी मन्दिर की पूजा और महाकाली मन्दिर की पूजा और भी मन्दिर की पूजा की गई जिसमें गाँव लोगो ने भी साथ मे भाग लिया
मानवता का कल्याण के लिए दिव्यांग शिविर..........
तारीक 15 को गाँव के सहकारी चिकित्सा में दिव्यांग शिविर लगाकर कर विकलांग को साइकिल वितरित की गई जिसमे माताये, पिताये ,भाई लोगो को साइकिल दे कर रवाना किया गया इस मौके पर विकलांग के चेहरे पर खुशी की देखी गई

रक्तदान की सहायता के लिए रक्तशिविर.......
तारीक 16 को सरकारी चिकित्सा में रक्तदान 
शिविर लगाकर जिसमे जालौर ही नही बल्कि सिरोही ओर भीलवाड़ा के लोगो ने रक्तदान दिया
गायो की रखा के लिए हींग पर रेड़ीयम ....
हा गायो की रक्षा के लिए वाहनों से बचाव के लिए रेफियम स्टिकर कर लगाकर जान को होने वाला खतरा से बचाना यही मनुष्य धर्म है

सास्कृतिक की धरोहर गैर 



खेल कूद का भी हुआ आयोजन 
बाकरा गाँव के रावला ठिकाना में गैर नुर्तीय का भी आयोजन हुआ तीन दिन 
साथ मे खेल कूद का भी हुआ कार्यक्रम 
के साथ गाँव वालों के साथ ठिकाना परिवार ने बड़े गर्व से बनाया जनशताब्दी दिवसः
ये दिवसः के रूप में ही नही बल्कि कही परेणा दायक के रूप जाना जायेगा
यह एक गाँव का आप उदाहरण के तेहद ही समज लीजिये कियोकि यह जनशताब्दी भी एक गाँव की शताब्दी के रूप में मान्य की गई है

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