Video:- बाकरा गाँव में आया साइकिल वाला आदमीअंधविश्वासी का खेल ,आज हुआ भुमिगत

भारत में अंधविश्वास एक व्यापक सामाजिक समस्या माना जाता है। लोग यह कहते है कि


 अंधविश्वासों का कारण शिक्षा की कमी है। लेकिन भारत में शिक्षित लोगों को भी अंधविश्वासी माना जा सकता है। अंधविश्वासों के विश्वासों और प्रथाओं के कई प्रकार है और भारत के अनेक क्षेत्रों में अपने अलग-अलग अंधविश्वासों प्रचलित है।

अंधविश्वासों के प्रथाओं हानिरहित हो सकते है, जैसे कि बुरी नजर दूर रखने वाली नींबू-और-मिर्च। मगर वे डायन-जल की तरह गंभीर भी हो सकते है। अंधविश्वासों को अच्छे तथा बुरे अंधविश्वासों में बांटा जा सकता है। ये करे तो किया करे पेट तो रोटी मांगता है सुबह और शाम को ओर करे ना भी कियो नही कियोकि एक कहावत है हमारी मारवाड़ी भाषा मे


""पापी पेट का सवाल है ""  यही बात आज हमारे बाकरा गाँव मे देखने को मिली ऐक आदमी साइकल गुमता हुआ आज भुमिगत हुआ और देखते कितने दिनों तक अन्दर रहता है और सुरक्षित सही सलामत निकलता है 

तो कोई  नही तो किया होता है यही खेल आज से 17-18 वर्ष पेहले भी आया था तब इसका नाम दिया था  ""एक रुपिया गुप्त दान "" जब वो आदमी सायकिल पूरे दिन चलता था और लोगो से 1 रुपिया गुप्त के रूप में लेता था ओर उस समय भी यही जगह थी और आज भी यही जगह है रावला चौहटा

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