तिलोडा गाँव के जवान बेटे की मौत के बाद काबिले तारीफ पिता का यह साहस
मेंगलवा (जालोर). बागोड़ा क्षेत्रके तिलोड़ा में एक पिता ने अपने पुत्र की लंबी बीमारी के बाद मौत के सदमे से उबरने के बाद उसकी याद में मूक पशुओं की सेवा के लिए अच्छी पहल की है।
अपने लाड़ले की मौत ने पिता को जहां आहत किया वहीं मूक पशुओं की सेवा के लिए प्रेरित भी किया। जानकारी के अनुसार तिलोड़ा निवासी वगदाराम (55) पुत्र रामाराम सुथार का पुत्रललित कुमार (21) कॉलेज में द्वितीय वर्ष में अध्ययन कर रहा था और अचानक गंभीर बीमारी से ग्रसित हो गया, जांच के बाद अहमदाबाद के सिविल हॉस्पिटल में उसका उपचार भी करवाया, लेकिन अंत में उसकी करीब 15 दिन पूर्व मौत हो गई। इस मौत ने परिवार के सभी सदस्यों को झकझोर दिया।
माता और पिता अपने लाड़ले की मौत से काफी विचलित हुए, लेकिन उसके बाद अपने पुत्र ललित कुमार की स्मृति में मूक पशुओं की सेवा की ठानी।
जिसके तहत मंगलवार को तिलोड़ा ग्राम पंचायत के वाड़ीनाथ गोशाला को सरकारी डेढ़ बीघा जमीन बगदाराम पुत्र रामाराम सुथार निवासी तिलोड़ा ने अपने पुत्र ललितकुमार की स्मृति में जमीन दान देने की घोषणा की। यह जमीन बागोड़ा-जालोर रोड पर स्थित है।
जिसके तहत मंगलवार को तिलोड़ा ग्राम पंचायत के वाड़ीनाथ गोशाला को सरकारी डेढ़ बीघा जमीन बगदाराम पुत्र रामाराम सुथार निवासी तिलोड़ा ने अपने पुत्र ललितकुमार की स्मृति में जमीन दान देने की घोषणा की। यह जमीन बागोड़ा-जालोर रोड पर स्थित है।
गोसेवा से बढ़कर कोई सेवा नहीं
मृतक के पिता बगदाराम ने कहा कि गो सेवा से बढ़कर कोई दूसरा पुण्य नहीं है। उन्होंने गायों के लिए हरा चारा भी मंगलवार को गोशाला में डलवाया गया। जमीन दान देने के बाद ग्रामीणों ने सुथार का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर नारायणसिंह राठौड़, मोडसिह, पूर्व सरपंच जगाराम, सांवलाराम सुथार, भवाराम, कालुराम सुथार, नाथाराम समेत कई लोग मौजूद थे।
पारिवारिक स्थति ज्यादा अच्छी नहीं
बगदाराम तिलोड़ा में ही कृषि कार्र्य करते हैं।इनके परिवार में पत्नी और अब दो पुत्र है। दोनों पुत्र मुंबई में काम करते हैं। सुथार की घर की आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है, लेकिन उसके बाद भी उन्होंने गोसेवा के लिए यह पहल की है।
मृतक के पिता बगदाराम ने कहा कि गो सेवा से बढ़कर कोई दूसरा पुण्य नहीं है। उन्होंने गायों के लिए हरा चारा भी मंगलवार को गोशाला में डलवाया गया। जमीन दान देने के बाद ग्रामीणों ने सुथार का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर नारायणसिंह राठौड़, मोडसिह, पूर्व सरपंच जगाराम, सांवलाराम सुथार, भवाराम, कालुराम सुथार, नाथाराम समेत कई लोग मौजूद थे।
पारिवारिक स्थति ज्यादा अच्छी नहीं
बगदाराम तिलोड़ा में ही कृषि कार्र्य करते हैं।इनके परिवार में पत्नी और अब दो पुत्र है। दोनों पुत्र मुंबई में काम करते हैं। सुथार की घर की आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है, लेकिन उसके बाद भी उन्होंने गोसेवा के लिए यह पहल की है।
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