तेरे लिए मेरा खत
ऐक खत तेरे नाम
कल का दिन बाकरा ग्राम के लिए अशुभ लिकला
कल हुई घटना का नाम सुनते ही हाथ पैर फुल गए थे बहुत बहुत पश्तावा हुआ सभी बाकरा ग्राम वासि बहार से पधारे हुए सभी को हाथ जोड़कर हम सभी भाइयो से माफ़ी चाहते है कल बहार पधारे हुए सज्जनो की सेवा नहीं कर पाए उसका हमको खेद है !
बाकरा ग्राम के सभी भाइयो ने कल के लिए अपना अपना व्यवसाय काम छोड़कर इस अशुभ की घडी के भागीदार बने
विदेशो में बसे प्यारे ग्राम वासियो को हम कल कुछ सवाब के जवाब नहीं दे पाये आपके बहुत sms आये लेकिन हम तो क्या करे हमारी शेह्नशील की ताकत ही नहीं बची थी
पूरा दिन नम आँखों को देखते ही रह गए ना जाने कहा से पेड़ की जड़े अंदर से टूट गई और नोबत बन बैठी गले आपको कोई दूसरा घर नहीं मिला था किया है !भगवान तूने सब कुछ छिन लिया बाकरा ग्राम के उभरते विशवास को कुछ तो सोचना था इस गाँव 20-30 हज़ार मनुष्य का विशवास जोकि तूने एक ही झटके में सब कुछ छीन लिया
मांग रहे हे जवाब
विदेशो में बशे भाई लोग हमसे जवाब माँग रहे हे की हम आपको पूरा ग्राम देकर गया थे आज जो अपने सब कुछ गवा दिया ऐसे अनमोल कोइहिनूर को अब हमारा मन नहीं कर रहा फिर से गाँव लौटने का जवाब दीजिये हे
भगवान तूने किया किया है हमारे 20-30 हजार के लोगो के साथ तूने किया तो बस अन्याय उसके सिवाह कुछ नही किया है
हे जब अन्याय की घडी आती है तो वो भी बिक जाती है भगवान्
अगर तूने पुरे बाकरा ग्राम के किसी एक पूछा होता ना तो वो यही बोलता की मेरी जान लेले इनकी जान तू छोड़ दे ,
ऐक महान राजा ने भी ऐक शिकारी को सिर्फ कबूतर के बदले शिकारी को अपना शरीर छोप दिया की हे शिकारी तेरेको कबूतर मारकर उसका माछ खाने का मन हे कररहा तो तू मेरा शरीर से इस पछि के बराबर मेरा माछ लेले लेकिन इस पछि को तू मत मार
तो येतो हमारे सबकुछ थे आगे दुबारा ऐसी गलती मत करना है भगवान किसी ग्राम के प्रति
जय चामुण्डा माताजी की
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