बाल काटने वाली इस सनसनी पर पढि़ए जालोर डीएसपी का ये संदेश…

जालोर. बीकानेर से शुरू हुई बाल काटने की घटनाओं का सिलसिला अब जालोर जिले तक पहुंच चुका है। जिले में सांचौर, पोषाणा, व बावतरा समेत चार स्थानों पर रात को सोती हुई महिलाओं के बाल काटने की घटनाओं की बात सामने आई है।
 हालांकि, इसमें सच्चाई कितनी है ये अभी तक पुष्ट नहीं है, लेकिन खासकर सुदूर इलाकों में इन दिनों ये बात ज्वलंत सनसनी के रूप में फैली हुई है। जिस कारण भय का माहौल व्याप्त है। इसी भय को दूर करने के लिए जालोर डीएसपी डॉ. दुर्गसिंह राजपुरोहित ने इस प्रकार की घटनाओं के बारे में विस्तृत संदेश बनाकर जनहित में सोशल मीडिया पर प्रसारित किया है ताकि इस प्रकार की अफवाहों से आमजन भी अपना बचाव कर सके
ये हैं संदेश…
ये सब मन के वहम है इसको इतना तूल मत दो ए हाँ बाल भी कट सकते है, ऐसे दौरे भी पड़ सकते है, पर कोई दूसरा आकर ऐसा करके चला जाए वो भी कोई अदृश्य शक्ति ऐसा सम्भव नहीं हो सकता । आप ये पूरा पढ़ेें खुद यकीन करेंगे। आप गंभीरता से इस विषय पर सोचेंगे तो कई राज सामने आएंगे। जैसे . ….
१. अगर कोई अदृश्य शक्ति या तांत्रिक ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहा है तो वो पूरे गांव के एक या 2 घरों में ही क्यूँ करेगा, सीधा पूरे गांव दर गांव घर घर प्रत्येक महिला के बाल एक ही रात में काट सकता है, क्यूंकि उसके पास तो शक्ति है ए अनेको रूप धारण कर सकता है और हवा से भी तेज चलता है तो फिर वो 1 औरत के ही बाल क्यूँ काट रहा है।
२. इस प्रकार की घटना मात्र युवा औरतों के साथ ही क्यूँ घटित हो रही है किसी बुजुर्ग महिला या उसके पास सोने वाली उन युवतियों के साथ क्यूँ नहीं हो रही जबकि बाल तो उनके सिर पर भी होते है ।
3. ये घटनाएं सिर्फ उन्हीं परिवारों या महिलाओं के साथ हो रही है जो नीरे अनपढ़ है । किसी शिक्षित परिवार के साथ अभी तक नहीं हुई ।
4. ये घटनाएं सिर्फ और सिर्फ उन्हीं महिलाओं के साथ होती है जिनको हिस्टीरिया टाइप के दौरे पड़ते है, या वो किसी मानसिक अवसाद से ग्रस्त है, या किन्ही भोपों के चक्र में रहती है या मानसिक बीमार है दवाई चल रही है सिर्फ ऐसी ही औरतें इसका शिकार बन रही है । ये सचाई है आप सर्वे कर सकते है जिनके भी साथ ये हुआ है उनको किसी न किसी प्रकार का टेंसन जरूर है ।
अब देखो ऐसा कैसे हो सकता है वो आपको बताते है….
आपने देखा होगा, सुना होगा या महसूस किया होगा कि दिन भर की कोई न कोई घटना या बात कभी कभी रात को हमारे नींद के समय रिपीट होती है स्वप्न के रूप में, ऐसा सबके साथ होता है।
कभी कभी रात को सोते हुए अपने खुद के सीने पर हाथ आ जाता है और हम बड़बड़ाने लगते है और खुद ऐसा महसूस करते है जैसे हमारे ऊपर कोई बैठ गया है एक दम से दम घुटने लगता है और बेचैन हो जाते है ।
100 में 1 इंसान ऐसा होता है जिनको नींद में चलने की बीमारी होती है ए वो घोर नींद में उठ जाता है और दिन को कुछ सोच रखा होता है वो कार्य करने की फिराक में बाहर निकल जाता है, कोई ठोकर लगने पर जाग जाता है और वापिस आकर सो जाता है ए ऐसा भी आपने सुना होगा।
कोई जागरण या नवरात्रि में गरबों के प्रोग्राम आपने देखे होंगे उसमे जब कालिका का भजन या गाना आता है तो वहाँ बैठी 20 से 40 औरतें एक साथ जोर जोर की आवाज निकालते हुए भोपियाँ बन जाती है क्यूँ, क्योंकि इसे मास हिस्टीरिया कहते है ये एक प्रकार की बीमारी है और ये अफवाहों से भी फैलती है और दिमागी बीमार के ऊपर इसका 100 प्रतिशत असर पड़ता है, जैसा वो दिन भर लोगों से सुनती है वैसा रात्रि में अधोनिंद्रा में खुद इस काम को अंजाम देती है और उसी डर से वो बेहोश टाइप हो जाती है । इसलिए आप सब लोगों से निवेदन है कि इसप्रकार की कोई बात या अफवाह को इतना तूल ना दे प्रसार ओर प्रचार ना करे इससे और भी इस बीमारी के शिकार हो सकते है। आपके मोबाइल में इस प्रकार की घटना का जिक्र आया हो तो अपने घर की औरतों को ना दिखाएं और पढ़ कर डिलेट कर दें।

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