Video:-जालोर कलक्टरी में आडवाडा के ग्रामीणों ने प्रतिष्ठा महोत्सव की कथित मारपीट के मामले की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर गुरूवार को जमकर हंगामा किया।

जालोर कलक्टरी में आडवाडा के ग्रामीणों ने प्रतिष्ठा महोत्सव की कथित मारपीट के मामले की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर गुरूवार को जमकर हंगामा किया। करीब दो घण्टे तक भरी दुपहरी में वे कलक्टरी मुख्य गेट के सामने अडे रहे। हालांकि कलक्टरी परिसर में जिला कलक्टर और पुलिस अधीक्षक से ग्रामीणों के प्रतिनिधि मण्डल ने मुलाकात की और निष्पक्ष जांच की मांग की। फिर भी गेट के बाहर खडे सैकडो लोगों का गुस्सा कम नहीं हुआ और करीब दो घण्टे तक जमे रहे। काफी देर बाद एसडीएम ने ज्ञापन लेने समेत सारी बात सुनने और निष्पक्ष जांच की बात की और चेतावनी भरे शब्दों ने कलक्टरी परिसर खाली करने को कहा। तब जाकर आडवाडा गांव के ग्रामीण कलक्टरी परिसर खाली कर मुख्य मार्ग पहुंचे। वहां पर करीब आधे घण्टे तक हंगामा किया।


गौरतलब है कि आडवाडा गांव में प्रतिष्ठा महोत्सव के दौरान दो पक्षों में कहासुनी हो गई थी। इसी घटना में एक पक्ष की ओर से कथित मारपीट के बाद कुछ युवक घायल हो गए। जिसको लेकर थाने में एफआईआर दर्ज करवाई गई। इस संबंध में पुलिस ने कुछ लोगों के खिलाफ मारपीट करने का मामला दर्ज किया और आडवाडा गांव में पुलिस जाब्ता तैनात किया, लेकिन गुरूवार को गांव के अधिकांश समाजों के लोग गाडियों में भरकर कलक्टरी परिसर के बाहर पहुंचे। करीब एक घण्टे परिसर के बाहर रणनीति तय कर सैकडों की तादाद में लोग कलक्टरी मुख्य गेट के बाहर प्रदर्शन करने लगे। देखते ही देखते आक्रोश के साथ नारेबाजी शुरू हो गई। गेट पर पुलिस उप अधीक्षक दुर्गसिंह राजपुरोहित और सीआई चंपाराम समेत पूरा जाब्ता तैनात था।


इधर आक्रोश बढता देख एसडीएम राजेन्द्रसिंह सिसोदिया समेत कई अधिकारियों ने ज्ञापन देने आए लोगों से बात की और निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया, लेकिन भीड में गुस्सा बढता ही जा रहा था। बाद में जिला कलक्टर एलएन सोनी और  पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा समेत कई अधिकारियों ने भी निष्पक्ष जांच की बात की और मीटिंग में चले गए। इधर आक्रोशित भीड शांत होने का नाम ही नहीं ले रही थी। स्थिति बिगडती देख एसडीएम राजेन्द्रसिंह सिसोदिया ने चेतावनी भरे शब्दों में भीड को परिसर खाली करने को कहा। तब जाकर लोगों ने परिसर को खाली किया।


गांव में देर रात घर में दबीश से नाराजगी
प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों का आरोप था कि बागरा पुलिस के जवान बुधवार देर रात करीब दो बजे गांव में पहुंचे और कई घरों में दबीश दी। इससे पहले पुलिस के जवानों ने गांव के एक व्यक्ति को पूछताछ के लिए पकडने की कोशिश की तो भी काफी विरोध हुआ। जिससे ग्रामीणों में गुस्सा था। इसी गुस्से की आग गुरूवार को कलक्टरी में भीड के रूप में नजर आई और प्रदर्शन किया।


हाय-हाय और मुर्दाबाद के नारे गंूजे
कलक्टरी में प्रदर्शन के दौरान आक्रोशित युवकों ने जमकर हाय-हाय और मुर्दाबाद के नारे लगाए। उनका आरोप था कि पुलिस और प्रशासन सही कार्रवाई नहीं कर रही है। इस दौरान प्रभारी मंत्री कमसा मेघवाल के हाय-हाय के नारे भी सुनाई दिए। सुरक्षा को देखते हुए चारों तरफ अतिरिक्त जाब्ता तैनात किया गया। 
....नहीं तो अपनाना पडेगा दूसरा रास्ता
ज्ञापन लेने के बाद भी जब ग्रामीण वहा से हटने को तैयार नहीु हुए तो एसडीएम राजेन्द्रसिंह बाहर आए और उन्होने ज्ञापन देने आए ग्रामीणों को समझाया कि ज्ञापन ले लिया गया है हर समाज से लोगो को अन्दर बुलाकर बातचीत की गई है फिर भी आप लोग अलोकतांत्रिक तरीका अपनाने हो तो फिर हमें दुसरा रास्ता अपनाना होगा। जिसके बाद ग्रामीण वहा से हट गए।
जालोर कोतवाल के खिलाफ की नारेबाजी
ज्ञापन देने आए ग्रामीणों ने कलक्टर परिसर के बाहर मंत्री की गाडी को घेरने के बाद जब पुलिस ने मंत्री की गाडी को रवाना किया तो आक्रोशित ग्रामीणों ने सीआई चम्पाराम के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उन्हे घेर लिया हालांकी ये माजरा खुद सीआई को भी समझ में नहीं आया कि उनके खिलाफ क्यो नारेबाजी हो रही है। इस मामले की जांच भी सीआई चंपाराम के पास नहीं है।

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