मरे बेटे को मुंह से सांस देती रही मां, चीख-चीख कहती रही- उठजा मेरे लाल

भोपाल/दमोह। कोतवाली थाना क्षेत्र में एक युवक की करंट लगने से मौत हो गई। परिजन गंभीर हालत में उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। लेकिन, मां का मन नहीं माना। वह बेटे के मुंह में अपने मुंह से सांस फूंकती रही, ताकि बेटे की सांसें लौट आए। इतना ही नहीं वह बार-बार किसी बाबा का नाम लेकर बेटे की जान बचाने और चमत्कार दिखाने की बात करती रही


-पुलिस के अनुसार नया बाजार नंबर-3 निवासी दीपक पिता स्व. कंदीलाल अहिरवार 24 को इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया था। परिजनों के अनुसार दीपक घर पर लाइट चालू करने के लिए कट-आउट लगा रहा था, तभी उसके हाथ की अंगुली में करंट लग गया। आनन-फानन में परिजन उसे लेकर अस्पताल पहुंचे जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया।
- दो बेटों को पहले खो चुकी मां बार-बार डॉक्टर को बुलाने और बेटे को बाटल लगाने की बात कह रही थी। इतना ही नहीं वह बेटे के मुंह में अपने मुंह से सांस फूंकने की कोशिश करती रही। काफी देर चले हंगामे के बाद बेटे के शव को परिजनों ने पिछले दरवाजे से पीएम के लिए भेजा।
-दरअसल महिला के दो बेटों की एक-एक करके हादसे में मौत हो चुकी है। उसे विश्वास नहीं हो रहा था, कि भगवान उसका तीसरा बेटा भी छीन लेगा। तीसरे बेटे की मौत की खबर से मां को गहरा सदमा लगा और रो-रोकर उसका हाल-बेहाल हो गया।
एक-एक कर चले गए तीन बेटे
जवान बेटे की करंट लगने से मौत के बाद मां सुमतरानी ने अपनी सुधबुध खो दी। परिजनों की माने तो सुमतरानी के तीन बेटे थे, जिनमें से दो की पहले ही हादसों में मौत हो चुकी है। पति भी काफी पहले दुनिया छोड़ गए थे। अब तीसरा बेटा भी हादसे का शिकार हो गया। परिजनों के अनुसार सुमतरानी का बेटा अनूप ट्रेन हादसे में मृत हो गया था। दूसरे बेटे की मौत कुएं में गिरने से हो गई थी। एक ही बेटा था, जिसकी मंगलवार को करंट लगने से मौत हो गई।मां का आखिरी सहारा भी छिन गया। अब दो बेटियों के अलावा उसके बुढ़ापे का सहारा भी नहीं बचा। इस कारण से मां ने अपना आपा खो दिया।
बार-बार बेहोश हो रही थी मां
- पंचनामा कार्यवाही के दौरान मां जिला अस्पताल चौकी के सामने गश खाकर गिर गई। होश में आते ही मां बार-बार अपने बेटे के साथ जाने की बात कह रही थी। बड़ी मुश्किल से परिजनों ने उसे संभाला। इसके बाद शव को पीएम के लिए भेजा गया।
मां बोली बाबा मेरे बेटे की जान बचा लो
अस्पताल में मां बार-बार हाथ जोड़कर किसी बाबा को याद कर रही थी। वह बार-बार यही कह रही थी बाबा मेरे बेटे की जान बचा लो। बहनें भी भाई की मौत के बाद भगवान और अपने धर्म बाबा को याद कर चमत्कार दिखाकर भाई को जीवित करने के लिए मिन्नत करती रहीं।
आगे की 8 स्लाइड्स में देखें परिवार के सदस्यों के और फोटोज..
                     बेटे की लाश लिपटी मां।

                 बेटे का चेहरा पकड़ उठने कहती मां।

मां सुमतरानी को बेटे की लाश से दूर करने की कोशिश करती महिला।
         मृत बेटे आंखे खोलने कहती मां सुमतरानी।

        अस्पताल के बाहर होकर गिर पड़ी मृतक की दादी।


                 सड़क पर बिलखते दीपक के परिजन।

परिजनों को सांत्वना देते लोग।

                   अस्पताल के बाहर दीपक के परिजन।

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